
महेंद्र जवरचंद मेघानी का 100 साल की उम्र में भावनगर में निधन, बेटे ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
आधी सदी की पठन यात्रा का ‘विरम’
महेंद्र मेघानी का 100 वर्ष की आयु में निधन
जावरचंद मेघानी के सबसे बड़े पुत्र थे
गुजराती साहित्य जगत को आज अपूरणीय क्षति हुई है। झावेरचंद मेघानी के बड़े बेटे महेंद्र मेघानी का आज निधन हो गया। 3 अगस्त 2022 को रात 8 बजे उनका निधन हो गया। 20 जून 1923 को मुंबई में पैदा हुए महेंद्र मेघानी ने 20 जून 2022 को 100 साल पूरे किए।
मिलाप, लोकमिलाप, काव्यकोड़ियां जैसे गुणवत्तापूर्ण प्रकाशनों के माध्यम से सात दशकों तक साहित्य के माध्यम से संस्कृति को बढ़ावा देने वाले महेंद्र मेघानी अब नहीं रहे। 100 वर्ष की आयु में भावनगर में निधन हो गया। कसुंबल गायक और राष्ट्रीय कवि झवेरचंद मेधानी की साहित्यिक विरासत को महेंद्र मेघानी ने बनाए रखा। उनके द्वारा लिखे गए पठन और मिलाप की आधी सदी में साहित्यिक रुचि प्रवाहित हुई। कहा जा सकता है कि आधी सदी का पढ़ने का सफर अब ‘ब्रेक’ पर आ गया है।
इसे हरती फ़ार्ति विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था
महेन्द्रभाई अन्य पत्रिकाओं या पुस्तकों में पढ़े जाने वाले उत्कृष्ट लेखों को संक्षिप्त करके मामूली कीमत पर प्रकाशित करते थे। लोकमिलाप ने 100 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित कीं, लाखों प्रतियां पाठकों तक पहुंचाईं और इसे हरती-फरती विद्यापीठ के नाम से भी जाना जाता था। वर्ष 1986 में जवेरचंद मेघानी की 90वीं जयंती पर उन्होंने 90 गांवों का 90 दिनों का वाचन दौरा किया। महेंद्र मेघानी ने 21वीं सदी में अपने साहित्यिक संकलन ‘अधी सादिनी वचन यात्रा’ के पांच खंडों के साथ बहुत प्रसिद्धि प्राप्त की।
गुरुवार 4 अगस्त को अंतिम संस्कार
महेंद्र मेघानी अंतिम संस्कार निवास शांतिकुंज अपार्टमेंट (वडोदरिया पार्क से फूलवाड़ी चौक रोड, भावनगर) डीटी। वह गुरुवार 4 अगस्त को सुबह 8 बजे रवाना होंगे और सिंधुनगर श्मशान घाट जाएंगे।
प्रसिद्ध पुस्तकें