हॉकी के दिग्गज वरिंदर सिंह का निधन, ओलंपिक में भारत को दिला चुके हैं मेडल
वरिंदर सिंह 1975 में कुआलालंपुर में पुरुष हॉकी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। खास बात यह है कि भारत के पास अब तक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में केवल स्वर्ण पदक है और 1975 के बाद भारत ने ऐसा नहीं किया है। फिर भी इस प्रतियोगिता में स्वर्ण जीता।
ओलंपिक और विश्व कप पदक विजेता टीम का हिस्सा रहे अनुभवी हॉकी खिलाड़ी वरिंदर सिंह का निधन हो गया है। जालंधर में मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। यह खबर भारतीय हॉकी और खेल जगत के लिए बेहद दुखद है। वरिंदर 75 साल के थे। वरिंदर 1970 के दशक में भारत के लिए कई यादगार जीत का हिस्सा रहे हैं।
वरिंदर सिंह 1975 में कुआलालंपुर में पुरुष हॉकी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। खास बात यह है कि भारत के पास अब तक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में केवल स्वर्ण पदक है और 1975 के बाद भारत ने ऐसा नहीं किया है। फिर भी इस प्रतियोगिता में स्वर्ण जीता। 47 साल पहले भारत ने इस प्रतियोगिता के फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
म्यूनिख ओलंपिक में पदक
वरिंदर 1972 के म्यूनिख ओलंपिक का भी हिस्सा थे। इस ओलंपिक में भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता था। इसके बाद 1973 में एम्स्टर्डम में हुए विश्व कप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम में वरिंदर को शामिल किया गया। 1974 और 1978 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली टीम में वरिंदर सिंह भी मौजूद थे।
ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित
वरिंदर सिंह को वर्ष 2007 में प्रतिष्ठित ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। वरिंदर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए हॉकी इंडिया ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, “वरिंदर सिंह की उपलब्धियों को हॉकी जगत में हमेशा याद किया जाएगा।”