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बुद्ध पूर्णिमा 2023 की शुभकामनाएं: इस शुभकामना संदेश को अपने परिवार को भेजें

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Buddha Purnima 2023 Wishes: बुद्ध पूर्णिमा का पर्व वैशाख मास (Buddha Purnima 2023) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और उन्होंने कठोर अध्ययन के बाद बुद्धत्व प्राप्त किया था। बौद्ध धर्म के साथ-साथ हिंदू भी इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन होती है। बुद्ध पूर्णिमा का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। इस साल की बुद्ध पूर्णिमा बहुत खास है क्योंकि इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। साथ ही शुभ योग भी बन रहा है। बुद्ध पूर्णिमा 4 मई गुरुवार की रात 11 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 5 मई शुक्रवार की रात 11 बजकर 4 मिनट तक रहेगी. इसके साथ ही चंद्र ग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा. अपने परिवार को बुद्ध पूर्णिमा संदेश भेजें।

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

बुद्ध पूर्णिमा प्रबुद्ध गौतम बुद्ध के सम्मान में सबसे पवित्र घटना है, जिन्हें पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त किया गया था। उन्हें एक असाधारण दार्शनिक, आध्यात्मिक मार्गदर्शक और ध्यानी माना जाता है। बोधगया में एक बरगद के पेड़ के नीचे 49 दिनों तक ध्यान करने के बाद उन्होंने सफलतापूर्वक ज्ञान प्राप्त किया। 45 वर्षों तक गौतम बुद्ध ने अहिंसा, शांति, दया, धर्म और निर्वाण के परम मार्ग का प्रचार किया। उनका जन्म एक शाही परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने 30 साल की उम्र में ऐश्वर्यपूर्ण जीवन का त्याग कर घर छोड़ दिया था। बाद में उन्होंने तपस्या का जीवन व्यतीत किया और उस सत्य की खोज की जो उन्हें सांसारिक कष्टों से मुक्त कर सके।

मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था। 29 वर्ष की आयु में, भौतिक जीवन और परिवार की सभी जिम्मेदारियों से विमुख होकर, वे सत्य की खोज में निकल पड़े। जिसके बाद उन्होंने 49 दिनों तक बोधि वृक्ष के नीचे कठोर तपस्या कर ज्ञान प्राप्त किया। इसलिए उन्हें बोधिसत्व कहा जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान से दुनिया को आलोकित किया। 483 ईसा पूर्व में वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध पंचतत्व में विलीन हो गए थे। इस दिन को परिनिर्वाण दिवस कहा जाता है। इसलिए उनकी जयंती के दिन को बुद्ध पूर्णिमा या वैशाखी बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि श्रीलंका, म्यांमार, कंबोडिया, जावा, इंडोनेशिया, तिब्बत और मंगोलिया जैसे देश बुद्ध जयंती के खास दिन को सांस्कृतिक उत्सवों के जरिए ‘वेसाक’ के रूप में मनाते हैं।

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