स्मार्टफोन का चार्जर खरीदते समय बरतें सावधानी, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान
देश और दुनिया में मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। मोबाइल फोन का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन नकली स्मार्टफोन चार्जर आज भी फोन की बैटरी के लिए एक बड़ी समस्या है। नकली चार्जर से कई बार स्मार्टफोन की बैटरी फट जाती है, जिससे यूजर को गंभीर चोट लग जाती है। कई मामलों में यूजर की मौत भी हो जाती है। फिलहाल चेन्नई में एक 90 वर्षीय व्यक्ति और उनकी 60 वर्षीय बेटी की मौत हो गई। स्मार्टफोन चार्जर में विस्फोट होने से दोनों की मौत हो गई।
बाजार में ऐसे कई चार्जर मौजूद हैं, जो असली चार्जर की तरह ही होते हैं, लेकिन ये चार्जर नकली होते हैं।
अगर आप आईफोन यूजर हैं तो चार्जर खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उस पर ‘Designed by Apple in California’ लिखा हो। जबकि नकली चार्जर में सामान्य से अधिक गहरे रंग में Apple लोगो होता है। यदि आप Xiaomi का चार्जर खरीद रहे हैं, तो उसके चार्जिंग केबल की लंबाई एक बार माप लें। यदि यह 120 सेंटीमीटर से अधिक है और एडॉप्टर सामान्य से अधिक लंबा है, तो चार्जर नकली है
सैमसंग चार्जर खरीदते समय, सुनिश्चित करें कि उसके विनिर्देशों को मुद्रित किया गया है। अगर चार्जर पर A+ और मेड इन चाइना दोनों लिखा हो तो समझ लेना चाहिए कि यह चार्जर नकली है। वनप्लस का डैश चार्जर खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपका फोन फ्लैश चार्जिंग लोगो के साथ आएगा, ना कि सामान्य। अगर नहीं तो समझ लें कि यह चार्जर नकली है। हुवावे का चार्जर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि चार्जर पर छपे बारकोड की सारी जानकारी एडॉप्टर पर दी गई जानकारी से मेल खाती हो। अगर यह जानकारी मेल नहीं खाती है तो यह चार्जर नकली है।