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सलंगपुर नरेश :दादा की 54 फुट ऊंची विशाल प्रतिमा का भव्य अनावरण; भक्तों को 4 किमी दूर से दादा के दर्शन होंगे

सलंगपुर कष्टभंजन देव मंदिर में आज सलंगपुर नरेश की प्रतिमा का अनावरण किया गया। हनुमान जयंती के एक दिन पहले यानी आज मूर्ति का अनावरण वड़ताल गढ़ी के आचार्य राकेश प्रसाद व अन्य संतों ने किया है. सलंगपुर के विराट राजा प्रतिमा व प्रदक्षिणा पथ में स्मार्ट व इंटेलीजेंट कलरफुल लाइट, पैटर्न व डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से दिल को छू लेने वाले दृश्य प्रस्तुत किए गए। 13 मिनट के शो में सलंगपुर तीर्थ के इतिहास, गौरव, भगवान स्वामीनारायण के आगमन, पूज्य गोपालानंद स्वामी द्वारा राजसी क्षभंजनदेव हनुमानजी की स्थापना, सलंगपुर के 54 फीट लंबे राजा को आज तीर्थ के केंद्र में स्थापित किया गया। एक नया दृष्टिकोण। हनुमानजी की इस प्रतिमा ने सलंगपुर में आकर्षण बढ़ा दिया है।


महान पर्वतों को उठाने वाले, समुद्रों को पार करने वाले और स्वयं भगवान के कार्यों को करने वाले संकटमोचन हनुमान का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। इस अवसर पर हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि यानी रामनवमी के ठीक छह दिन बाद हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है। पूरी दुनिया में हनुमत भक्तों द्वारा इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जन्मोत्सव के दिन महाबली हनुमानजी की पूजा करने से सभी बाधाओं और बाधाओं का अंत हो जाता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हनुमानजी को संकट मोचन कहा जाता है। जो उसके मार्ग पर चलते हैं, उन्हें किसी खतरे का सामना नहीं करना पड़ता। आइए जानते हैं हनुमान जन्मोत्सव यानी हनुमान जयंती तिथि, पूजा विधि और महत्व…


हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा तिथि 5 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है। जिसका समापन 6 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर होगा। उदय तिथि के अनुसार 06 अप्रैल 2023 दिन गुरुवार को हनुमान जयंती मनाई जाएगी.


हनुमान जन्मोत्सव के दिन बजरंगबली की विधि-विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हनुमानजी की पूजा करते समय भगवान राम की पूजा में सावधानी बरतें, क्योंकि भगवान श्री राम की पूजा किए बिना हनुमानजी की पूजा अधूरी मानी जाती है।

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