NationalTrending News

NIA ने देश के 8 राज्यों में 72 जगहों पर मारे छापेगांधीधाम के कुलविंदर सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई, टेरर फंडिंग की जांच; पाकिस्तान से संबंध मिला

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर सिंडिकेट पर बड़ी कार्रवाई की है। NIA ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में 70 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है. जानकारी के मुताबिक, NIA की ये छापेमारी गैंगस्टर और क्राइम सिंडिकेट से जुड़े मामलों में की गई है. ये छापेमारी टेरर फंडिंग से जुड़े गैंगस्टर्स और उनके करीबियों के ठिकाने पर की गई है. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी कुलविंदर के गुजरात के गांधीधाम में छापा मारा गया है। सूत्रों के मुताबिक, कुलविंदर लंबे समय से बिश्नोई सहयोगी हैं। उस पर बिश्नोई गैंग के साथियों को शरण देने का मामला दर्ज है. इसके अलावा एनआई सूत्रों का कहना है कि कुलविंदर अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है।


गांधीधाम के किडाना में कुलविंदर सिद्धू नामक व्यक्ति की जांच की गई

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कच्छ गांधीधाम के किदाना में कुलविंदर सिद्धू नाम के शख्स से पूछताछ की है. कुलविंदर सिद्धू लंबे समय से लॉरेंस बिश्नोई के साथ जुड़े हुए हैं। इससे पहले भी कुलविंदर का नाम बिश्नोई गैंग को पनाह देने के मामले में सामने आ चुका है. सूत्र बता रहे हैं कि कुलविंदर सिद्धू एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से भी जुड़ा हुआ है।

एनआईए के राडार पर कई नामी गैंगस्टर

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना, टिल्लू ताजपुरिया और गोल्डी बराड़ पहले से ही एनआईए के रडार पर हैं। एनआईए इस मामले में कई गैंगस्टरों से पूछताछ भी कर चुकी है। पिछले साल अक्टूबर में आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए ने उत्तर भारत और दिल्ली में 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद एजेंसी ने एक गैंगस्टर और एक वकील को भी गिरफ्तार किया था.

बदमाशों से पूछताछ में कई खुलासे हुए

एनआईए की ये छापेमारी सभी जगहों पर एक साथ की गई है। एनआईए सूत्रों के मुताबिक, छह गैंगस्टरों से पूछताछ के दौरान कई और गैंगस्टर्स के नाम सामने आए. एनआईए पूछताछ किए गए गैंगस्टरों के घरों और उनके, उनके सहयोगियों से जुड़े अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। सूत्रों ने बताया कि गैंगस्टरों के दूसरे देशों में संपर्क होने का मामला सामने आया है। भारत में लॉरेंस बिश्नोई और बवाना गैंग के नाम से टेरर फंडिंग का बड़ा धंधा चल रहा है.

गैंगस्टर के गठजोड़ पर कार्यवाही


इससे पहले की कार्यवाही में एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किए गए सभी गैंगस्टरों से पूछताछ की थी। इसके बाद पाकिस्तान-आईएसआई और गैंगस्टर गठजोड़ की काफी जानकारियां एनआईए के हाथ लगीं। उसी के आधार पर एक बार फिर बदमाशों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.

पीएफआई से जुड़े अधिकारियों के आवासों पर छापेमारी की गई

इससे पहले शनिवार को NIA ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रदेश पदाधिकारियों के घरों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी राजस्थान के जयपुर, कोटा, सवाई माधोपुर समेत कई जगहों पर की गई. धार्मिक समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के मामलों में एनआईए द्वारा सिलसिलेवार छापे मारे जा रहे हैं और अभियोग चलाए जा रहे हैं।

तस्करी में एक आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग नेटवर्क शामिल था

जांच से पता चला कि आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग ट्रैफिकर नेटवर्क अंतरराज्यीय नेटवर्क के माध्यम से हथियारों, बमों, विस्फोटकों और आईईडी जैसे आतंकवादी हार्डवेयर की सीमा पार तस्करी में शामिल था। वहीं एनआईए ने कनाडा स्थित संधू के बारे में सूचना देने वाले को 15 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। एनआईए ने 15 फरवरी को कनाडा स्थित गैंगस्टर से आतंकवादी बने लखबीर सिंह संधू उर्फ ‘लांडा’ के बारे में जानकारी देने वाले को 15 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी, जो पंजाब में एक आतंकी मामले में वांछित है।

लखबीर सिंह संधू उर्फ लंदा पंजाब का रहने वाला है

पंजाब निवासी संधू फरार है और 2022 में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हुए ग्रेनेड हमले के सिलसिले में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा वांछित है।


साल 2022 के दौरान सबसे ज्यादा काम एनआईए ने किया

राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने साल 2022 में कई बड़े अभियान चलाकर विशेष अभियान में 456 लोगों को गिरफ्तार किया है और 109 खतरनाक अपराधियों को सजा दी है. इस एक साल की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज कुल 73 मामलों में से एजेंसी को जिहादी आतंकवाद से संबंधित केवल 35 मामले ही प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2021 में यह संख्या 61 थी, जो इस बार (वर्ष 2022 में) बढ़कर 73 हो गई है। रिपोर्ट किए गए मामलों की यह संख्या 2021 की तुलना में 2022 में 19.67 अधिक थी। इसका मतलब यह है कि एक साल में एनआईए द्वारा दर्ज मामलों की यह संख्या पिछले कई वर्षों में सबसे अधिक कही जा सकती है।

Related Articles

Back to top button