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SSLV-D2 लॉन्चिंग: आज मिशन पर जाएगा ISRO का सबसे छोटा रॉकेट, 6 महीने पहले हुई थी गड़बड़ी

पिछले साल 9 अगस्त को इस रॉकेट की पहली परीक्षण उड़ान नाकाम साबित हुई थी। रॉकेट लॉन्च करते वक्त वेग से जुड़ी दिक्कतें आईं। इसरो द्वारा जांच के बाद पाया गया कि दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान रॉकेट में कंपन हुआ, जिसके कारण प्रयोग सफल नहीं हो सका।


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज यानी शुक्रवार सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी-डी2) लॉन्च करने जा रहा है। छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के लिए डिज़ाइन किया गया सबसे छोटा रॉकेट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। यह एसएसएलवी का दूसरा संस्करण है।

लगभग 15 मिनट की उड़ान के दौरान, रॉकेट तीन उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा, जिसमें इसरो का EOS-07, अमेरिका स्थित फर्म Antaris का Janus-1 और चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप AzaadiSAT-2 उपग्रह शामिल हैं। इसरो के मुताबिक, इससे 500 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च किया जा सकता है।


पहली उड़ान विफल रही

पिछले साल 9 अगस्त को इस रॉकेट की पहली परीक्षण उड़ान नाकाम साबित हुई थी। रॉकेट लॉन्च करते वक्त वेग से जुड़ी दिक्कतें आईं। इसरो द्वारा जांच के बाद पाया गया कि दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान रॉकेट में कंपन हुआ, जिसके कारण प्रयोग सफल नहीं हो सका।


रॉकेट से जुड़ी 5 अहम बातें

1-एसएसएलवी की कुल लंबाई 34 मीटर है। इसमें दो मीटर व्यास वाले पहिए हैं जिनका भार 120 टन है।

2-रॉकेट तीन सॉलिड प्रोपल्शन और एक वेलोसिटी टर्मिनल मॉड्यूल से लैस है।

3-इसरो की ओर से बुधवार को किए गए एक ट्वीट में बताया गया कि इसकी लॉन्चिंग 10 फरवरी को 9 बजकर 18 मिनट पर होगी।

4-रॉकेट अमेरिका स्थित फर्म Antaris के EOS-07, Janus-1 और AzaadiSAT-2 उपग्रहों को ले जाएगा।

5-रॉकेट उपग्रहों को पृथ्वी से 450 किमी की दूरी पर लो-अर्थ ऑर्बिट में स्थापित करेगा।

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