राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022: जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस और इसका महत्व
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2021) देश में हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है। यह भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर मनाया जाता है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2021) देश में हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है। यह भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर मनाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक देश के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 2008 में उनके जन्मदिन को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शिक्षा दिवस के रूप में मान्यता दी गई थी। तब से हर साल 11 नवंबर को शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व
भारत के पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री आजाद ने देश के शिक्षा स्तर को सुधारने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उनके कार्यकाल के दौरान 1951 में देश के पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना हुई और 1953 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना हुई।
छात्रों की रचनात्मकता पर जोर दें
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म 1888 में मक्का, सऊदी अरब में हुआ था। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को रचनात्मक होना चाहिए और उनके सोचने का तरीका बिल्कुल अलग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षाविदों को छात्रों में पूछताछ, रचनात्मकता और उद्यमिता के साथ नैतिक नेतृत्व पैदा करना चाहिए और स्वयं उनके लिए आदर्श बनना चाहिए।
महिला शिक्षा की प्रबल समर्थक
कलाम नारी शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र के विकास के लिए महिला सशक्तिकरण एक आवश्यक और महत्वपूर्ण शर्त है। उनका मानना था कि महिलाओं के सशक्तिकरण से ही समाज को स्थिर किया जा सकता है। 1949 में उन्होंने संविधान सभा में महिलाओं की शिक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में और भी कई काम किए, उनके काम को आज भी याद किया जाता है।
इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को याद करता है। मौलाना आजाद की जयंती पर देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और बच्चों के बीच प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं.
भारत रत्न से सम्मानित
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को वर्ष 1992 में भारत सरकार द्वारा देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान उन्हें मरणोपरांत दिया गया था। मौलाना अबुल कलाम आजाद का निधन 22 फरवरी 1958 को दिल्ली में हुआ था।